Saturday, 14 January 2012

किसकी गलती ??


मैंने उसे देखा या उसने मुझे देखा,
बीच में खिंची थी एक लछमन रेखा !


उसने नज़रों से कुछ ऐसे फेका,
की घायल होके सबने देखा !


आरजूएं अंगार बन गयी,
वो इस आरज़ू-ए-समंदर की पतवार बन गयी !


हम बहते चले गए और पता भी न चला,
इसमें हमारी गलती क्या थी भला??



पर ज़माने की कारिस्तानी देखो,
सबने हमी को कहा नज़रें नीची रखो !




हमने कहा तुम खूबसूरत हो इसमें तेरी क्या गलती??
और हम खूबसूरती पसंद इसमें मेरी क्या गलती??



:)



3 comments:

  1. आभार बहुत बहुत...
    नरेश सर.:)

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  2. पर ज़माने की कारिस्तानी देखो,
    सबने हमी को कहा नज़रें नीची रखो !
    .... ..
    हमने कहा तुम खूबसूरत हो इसमें तेरी क्या गलती??
    और हम खूबसूरती पसंद इसमें मेरी क्या गलती??
    ..dekhne dekhne mein frak jo hota hai.....
    ..
    manobhavon ko badiya prastuti

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