Tuesday, 10 January 2012

गीत जो करे भयभीत - 2....;)

फटे होठ तेरे
जिस्म चर्वी भरा,
लगे टुनटुन सा मुझे तन तेरा ।

जम के गुस्सा हो
सामने जब आए,
रुके मेरी सांस
आए उससे बास..!

कभी मेरे साथ
जो तु निकले बाजार,
तो लोग कहेऽऽ
Dips है लाचार ।

ओ हो होऽऽऽऽ

:p8-)

1 comment:

  1. ग़ज़ब की कविता ... कोई बार सोचता हूँ इतना अच्छा कैसे लिखा जाता है

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