सपनो में झांके
आ जरा आके,
रात सजा दे
इस रात को कर दे रंगीन..... ए मह्जवीं !
कोई बात तू कर दे हसीं.... ए मह्जवीं !!
तेरी मेरी बातें,
और ए रातें
ना रह सकूँ तेरे बिन.... ए मह्जवीं
इस रात को कर दे रंगीन..... ए मह्जवीं !
कोई बात तू कर दे हसीं.... ए मह्जवीं !!
तेरे संग आके,
जन्नत सा लागे
कोई जन्नत की तू जानशीन.... ए मह्जवीं
मै तो तेरा हो गया हाजरीन... ए मह्जवीं
इस रात को कर दे रंगीन..... ए मह्जवीं !
कोई बात तू कर दे हसीं.... ए मह्जवीं !!
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (08-07-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
कोई बात तू कर दे हसीं.... ए मह्जवीं !!
ReplyDeletebahut hi khubsurat ahsaas..
बहुत सुन्दर...
ReplyDeleteतुमको देखा है जब से आँखों ने
ReplyDeleteऔर कोई चेहरा नजर नहीं आता
तुम हर नजर का ख़्वाब हो,
हर दिल की धडकन हो
कैसे तारीफ करता तुम्हारे हुस्न की
तुम्हारा चेहरा तो किताबी है,
कहाँ से आया इतना हुस्न....
जबाब में वे मुस्करा दिए और बोले-?
कुछ तो आपकी मोहब्बत का नूर है
कुछ कोशिश हमारी है,,,,,
समर्थक बन गया हूँ आप भी बने मुझे खुशी होगी ,,,,,,
RECENT POST...: दोहे,,,,
बहुत अच्छी रचना
ReplyDeleteअहसासों का सजीव विवरण।
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