Friday 20 December 2013

वो जब हम लब से लब मिलायेंगे !!!!



तेरी आँखों से मेरी आँखे बतियाएंगे,
एक दूसरे में हमदोनो.. नज़र आयेंगे,
कभी बेशर्म होंगे, तो कभी शर्मायेंगे,
वो जब हम लब से लब मिलायेंगे !!!!


मेरे हांथों में तेरे बाल उलझ जायेंगे,
पलकें आपस में सिमट जायेंगे,
गरम साँसें एक दूसरे से टकराएंगे,
वो जब हम लब से लब मिलायेंगे !!!!

Tuesday 17 December 2013

तेरे बारात लाने कि देरी है !!!!

कुछ दिन हुए बदली थीं अंगूठियां हमने,
बंध गए थे कुछ अनकहे कसम में,
उन कसमों को निभाने कि हसरत अब मेरी है !!
मुलायम हांथों पे मेहदी उकेरी है, कि तेरे बारात लाने कि देरी है !!


बैंड बाजे भी आयेंगे संग उनके,
कुछ गायेंगे कुछ लगाएंगे ठुमके,
उन ठुमको संग झूम जाने कि हसरत अब मेरी है !!
मुलायम हांथों पे मेहदी उकेरी है, कि तेरे बारात लाने कि देरी है !!


दो कुर्सिओं पे नज़र होंगे हज़ारों के,
ये लम्हात कैसे वहाँ गुजारोगे,
नज़र-ए-बाज़ार तुझसे नज़र लड़ाने कि हसरत अब मेरी है !!
मुलायम हांथों पे मेहदी उकेरी है, कि तेरे बारात लाने कि देरी है !!




मंडप में तुम मेरा इन्तजार करोगे,
पंडित मंत्र पढ़ेगा तुम आंहे भरोगे,
तेरी उन आहों को इन्तजार न कराने कि हसरत अब मेरी है !!
मुलायम हांथों पे मेहदी उकेरी है, कि तेरे बारात लाने कि देरी है !!


मेरी मांग में सिन्दूर भरेगी,
जो मुझे तेरे नाम कर देगी,
खुद को तेरे नाम कर देने कि हसरत अब मेरी है !!
मुलायम हांथों पे मेहदी उकेरी है, कि तेरे बारात लाने कि देरी है !!


मंगलसूत्र  संग तुम्हे बाँध लूंगी,
कभी टूटे ना ऐसी गाँठ बाँधूँगी,
इस बंधन के बदले तेरी हर बंधनों में बंधने कि हसरत अब मेरी है !!
मुलायम हांथों पे मेहदी उकेरी है, कि तेरे बारात लाने कि देरी है !!


सात वचनों के सात फेरे होंगे,
फिर तुम मेरे और हम तेरे होंगे,
इन मेरे तेरे को हमारे और अपने में बदलने कि हसरत अब मेरी है !!
मुलायम हांथों पे मेहदी उकेरी है, कि तेरे बारात लाने कि देरी है !!