प्रेम में होता है कई बार ऐसा ... पर रूठे मान भी जाते हैं ...
सुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..शुभकामनाएँ।मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
प्रेम का यही रूप तो वास्तविक प्रेम कहलाता है वाह बहुत खूब
बहुत ही सार्थक रचना।
प्रेम में होता है कई बार ऐसा ... पर रूठे मान भी जाते हैं ...
ReplyDeleteसुन्दर व सार्थक प्रस्तुति..
ReplyDeleteशुभकामनाएँ।
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प्रेम का यही रूप तो वास्तविक प्रेम कहलाता है
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बहुत ही सार्थक रचना।
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