Saturday 21 October 2017

चहुँओर दिखे मोहे प्यार

तू गंगा सी बहती रहे..
मैं गोमुख काशी पटना हो जाऊं,
तेरी छोटी छोटी अंखियों का..
मैं एकलौता सपना हो जाऊं !
तेरे बिन लागे हर पल उबाऊ,
तेरा साथ लगे त्यौहार..
चहुँ ओर दिखे मोहे प्यार प्यार, चहुँ ओर दिखे मोहे प्यार..
रब ने जोड़ा ये तार तार, चहुँ ओर दिखे मोहे प्यार !

तू सुबह के सूरज की रश्मियाँ..
हलके हलके छिटकती रहे,
मैं बन के बादल कहीं से आऊँ..
और तू मुझमे सिमटती रहे !
तुम हो तो सारे मौसम,
तेरे बिन आसमां अंधियार..
चहुँ ओर दिखे मोहे प्यार प्यार, चहुँ ओर दिखे मोहे प्यार..
रब ने जोड़ा ये तार तार, चहुँ ओर दिखे मोहे प्यार !

तू हीं राधा तू हीं रुक्मिणी..
और मैं तेरा कृष्ण हो जाऊं,
तू ना हो साथ मेरे तो..
मैं भीष्म हो जाऊं,
तू रहे तो मैं रहूँ,
तू नहीं तो न हो मेरा अवतार..
चहुँ ओर दिखे मोहे प्यार प्यार, चहुँ ओर दिखे मोहे प्यार..
रब ने जोड़ा ये तार तार, चहुँ ओर दिखे मोहे प्यार !

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