Dipanshu Ranjan's Hindi Poetry
Wednesday, 10 December 2014
क़िस्मत
वो कलम ढूंढ़ रहा हूँ..
जो क़िस्मत लिखती है,
ढूंढ़ के उसे तोड़ दूंगा मैं !!!!
1 comment:
bhanu pratap kirar
8 April 2017 at 04:39
कलम कारगर है किस्मत लिखने वाले
दोष तो रबर का है कहाँ गई साली.....
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कलम कारगर है किस्मत लिखने वाले
ReplyDeleteदोष तो रबर का है कहाँ गई साली.....